NAVRATRI SHAYARI IN HINDI - AN OVERVIEW

Navratri Shayari In Hindi - An Overview

Navratri Shayari In Hindi - An Overview

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मैंने तेरा नाम लेकर ही सारे काम किये है माँ, और लोग समझते है कि, बंदा बहुत किस्मत वाला है ।

प्रजापति दक्ष अपनी शक्तियों को लेके बहुत अहंकार में था एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया। इस यज्ञ में उसने सभी देवताओं को आमंत्रित किया, परन्तु भगवन्न शंकर को यज्ञ में निमंत्रित नहीं किया। सती जो कि शिव जी की पत्नी थी, ने जब सुना कि उनके पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का आयोजन कर रहे हैं, तब वहाँ जाने के लिए उनका मन व्यग्र हो उठा।

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नवरात्रि का त्यौहार आपके जीवन में खुशियां और समृद्धि लाएं। शुभ नवरात्रि।

आपके जीवन में नया उत्साह और नई शक्ति दें शुभ नवरात्रि !!

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।

माँ के आगमन का स्वागत करें और उनके प्यार में खो जाएं।

नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रम्ह्चारिणी की पूजा होती है। ब्रम्ह्चारिणी देवी को समस्त विद्याओं का ज्ञाता माना गया है। देवी ब्रम्ह्चारिणी भवानी माँ दुर्गा का दूसरा स्वरुप है। ब्रम्ह्चारिणी ब्रह्माण्ड की रचना करने वाली। ब्रह्माण्ड को जन्म देने के कारण ही देवी के दूसरे स्वरुप का नाम ब्रम्ह्चारिणी पड़ा। देवी के ब्रम्ह्चारिणी रूप में ब्रम्हा जी की शक्ति समाई हुई है। माना जाता है कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय ब्रम्हा जी ने मनुष्यों को जन्म दिया। समय बीतता रहा , लेकिन ब्रह्माण्ड का विस्तार नहीं हो सका। ब्रम्हा जी भी आश्चर्य में पड़ गए। देवताओं के सभी प्रयास व्यर्थ होने लगे। सारे देवता निराश हो उठें तब ब्रह्मा जी ने भगवान शंकर से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है। भोले शंकर बोले कि बिना देवी की शक्ति के संसार का विस्तार संभव नहीं है। सकल संसार के विस्तार हेतु माँ जगदम्बा का आशीर्वाद प्राप्त करना होगा , उन्हें प्रसन्न करना होगा। सभी देवता गण माँ भवानी की शरण में गए तब देवी ने ब्रह्माण्ड का विस्तार किया। उसके बाद से ही नारी शक्ति को माँ का स्थान मिला और गर्भ धारण करके शिशु जन्म कि नीव पड़ी। हर बच्चे में १६ गुण होते हैं और माता पिता के ४२ गुण होते हैं। जिसमें से ३६ गुण माता के माने जातें हैं।

सुख समृद्धि और मां दुर्गा की कृपा लेकर आए !!

आपके जीवन में नवरात्रि की आनंदमयी रातें और मां !!

आपके जीवन में नवरात्रि के इस पावन अवसर पर !!

और लोग समझते है कि, बंदा बहुत किस्मत वाला हैं

नवरात्रि दो बार मनाया जाने वाला त्योहार है, एक अक्टूबर-नवंबर में और दूसरा मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। ये महीने मौसमी परिवर्तन की अवधि हैं जो विषुव और संक्रांति दोनों से सीधे जुड़े हुए हैं।

नवरात्रि, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे देवी दुर्गा के आराधना के लिए आयोजित किया जाता है और यह चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि के रूप में दो बार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के आखिरी दिन से आरंभ होता है, जबकि शरद नवरात्रि आश्विन मास के पहले दिन से आरंभ होता है।

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